डा. हैनीमन के सिद्धांतों पर चलकर ही मिलेगी सफलताः डा. भक्तवत्सल - Shere Azami News

Breaking

Shere Azami News

Uttar Predesh Azamgarh Mau Ballia Gazipur Deoria Sulatanpur Faizabad Ayodhya Amroha Amethi Lucknow Varanasi Firozabad Barabanki Shahganj Jaunpur Allhabad Kushinagar

Breaking News

test banner

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

डा. हैनीमन के सिद्धांतों पर चलकर ही मिलेगी सफलताः डा. भक्तवत्सल

डा. हैनीमन के सिद्धांतों पर चलकर ही मिलेगी सफलताः डा. भक्तवत्सल

ज्ञानेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट

होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन व केमिस्ट एंड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में होमियोपैथी के अन्वेष्क डा. किश्चयन फैडरिक सैम्युल हैनीमन की 267वीं जयंती रविवार की देर शाम शहर के बदरका प्रतिभा निकेतन स्कूल में मनाई गयी। इस दौरान डा. हैनिमन के कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा हुई। होमियोपैथिक के जरिए स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया गया। बच्चों और महिलाओं ने केक काटा। कार्यक्रम का शुभारंभ मेंबर गवर्निंग बाडी नेशनल इंस्टिट्यूट आफ होम्योपैथी एवं केंद्रीय होमियोपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डा. भक्तवत्सल, सदस्य होमियोपैथी मेडिकल बोर्ड डा. श्याम नारायण सिंह, प्राचार्य राजकीय होमियोपैथिक कालेज आजमगढ़ के प्राचार्य डा. राजेंद्र सिंह राजपूत ने डा. हैनीमन के चित्र पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उक्त अवसर पर आईएम के अध्यक्ष डा. अनूप सिंह, सचिव डा. सीके त्यागी और नीमा के डा. डीडी सिंह को सम्मानित किया गया।
डा. भक्तवत्सल ने कहा कि महात्मा डा. हैनीमन ने पीड़ित मानवता के लिए होमियोपैथी के रूप में एक अमृत कलश प्रदान किया है जिसकी दो बूंद औषधि से अनेका अनेक रोगों का उन्मूलन सहजता से हो जाता है। स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी करना संभव ही नहीं है। एलोपैथ सहित जहां मेडिकल की सारी विधाएं फेल हो जाती है वहां भी होमियोपैथ मरीज को पूर्णरूप से असाध्य रोगों के मुक्ति दिलाता है। उन्होने कहा कि होमियोपैथी अपनी गुणवत्ता पर समाज में लोकप्रिय होती जा रही है। इस चिकित्सा पद्धति में डा. हैनीमन के सिद्धांतों पर चलकर ही सफलता हासिल की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति करके उन्हें केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के मानक के अनुरूप बनाकर होमियो परस्नातक (एमडी) कोर्स प्रारम्भ करना चाहिए। प्रतिवर्ष प्रदेश के हजारों छात्र परस्नातक के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं जहां आर्थिक और मानसिक शोषण होता है। इसे रोकने के लिए परस्तानतक की शिक्षा कालेजों में शुरू करना नितांत आवश्यक है।
डा. श्याम नारायण सिंह ने कहा कि होमियोपैथी ने अपनी गुणवत्ता की वजह से एक अलग पहचान बनाई है। हमें होमियोपैथे को गांव के अंतिम छोर तक पहुंचाकर स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना को साकार बनाना है। डा. राजेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी के असंभव है। शासन को होमियोपैथी चिकित्सकों के लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। प्रदेश के होमियापैथी मेडिकल कालेजों में केंद्रीय होमियोंपैथी परिषद के मानकों को पूरा करके एमडी कोर्साे को शुरू करना चाहिए

डा. अनुतोष वत्सल, डा. राजीव आनंद, डा. दीनदयाल श्रीवास्तव, डा. आशीष श्रीवास्तव, डा. प्रिया तोमर, डा. माला पांडेय, डा. पूजा पांडये, डा. रणधीर सिंह, डा. राकेश पांडेय, डा. पूनम आनंद, डा. ब्रजेश सिंह, डा. सीजे मौर्य, डा. नीरज सिंह, डा. एससी सैनी, डा. प्रभात, डा. विवेकानंद सिंह, डा. गिरीश सिंह, डा. मनोज मिश्रा, डा. नरेंद्र श्रीवास्तव, डा. नेहा दुबे, डा. प्रमोद गुप्ता आदि ने अतिथियों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया। संचालन डा. देवेश दुवे, व डा. प्रमोद गुप्ता ने किया। इस दौरान डा. सिद्धांत चित्रांश, डा. ज्योती, राहुल राय, राकेश यादव, संतोष राय, अरविंद यादव, अमित विश्वकर्मा, मनोज पांडेय, रवि जायसवाल, पंकज सिंह, अशोक श्रीवास्तव, श्रीमती अर्चना वत्सल, डा. देवी तिवारी, पंकज उपाध्याय, राकेश अग्रवाल, रवि जायसवाल, अरविंद चित्रांश आदि मौजूद थे।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गनेश गोंड का गरीबी और दो बच्चों का अपाहिज पन खुशियां छीन लिया

गनेश गोंड का गरीबी और दो बच्चों का अपाहिज पन खुशियां छीन लिया।  संवाददाता ओमप्रकाश गुप्ता   आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र के डिहवावारी का...

Post Top Ad

Responsive Ads Here