आजमगढ़ : शहर के बड़े आटोमोबाइल कारोबारी प्रशांत गुप्ता इसके उदाहरण हो सकते हैं। उन्होंने खुद को घर में कैद (एकांतवास) कर रखा है। लैपटॉप से दोस्ती कर रखी है, और अपना काम पहले से तेज रफ्तार से चला रहे। उन्होंने बताया कि शुरू में ही शोरूम के कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करा दिया गया। हां, उन्हें बाहर निकलने
से जरूर मना कर दिया गया है। आरटीओ आफिस बंद होने से सारा काम ठप पड़ा था। गाड़ियों की बिक्री होली के पहले से ही लगभग बंद हो गई। बीएस फोर की बड़ी संख्या में गाड़ियां पड़ी हैं। ऐसे में हमने शोरूम की बजाय घर पर ही लैपटाप पर एकाउंटिग और बैंकिग का काम शुरू कर दिया। इससे एक ओर काम भी हो जा रहा, दूसरी ओर परिवार के साथ समय भी ठीक से बीत रहा है। सामान्य दिनों में घर में गिनती के पल ही बीतते थे।
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