आजमगढ़। कमिश्नर कनक त्रिपाठी ने कहा कि मंडल के जनपदों में आरसी के माध्यम से वसूली की प्रगति संतोषजनक नहीं है। तीनों एडीएम को निर्देश दिया कि नियमित समीक्षा कर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाएं। मंडलायुक्त शुक्रवार को कार्यालय के सभागार में कर करेत्तर व अन्य राजस्व कार्यों की समीक्षा कर रही थी। मुख्य अभियंता विद्युत की अनुपस्थिति पर उनका एक दिन का वेतन काटने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा गया
उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को आयोजित विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में भी मुख्य अभियंता उपस्थित नहीं थे। ये उनकी लापरवाही का द्योतक है। खराब परफार्मेेंस पर आजमगढ़, मऊ और बलिया के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया। स्टांप देयों की वसूली कम होने पर प्रभारी डीआईजी स्टांप को तत्काल समीक्षा को कहा गया। कतिपय नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में भी कर करेत्तर की वसूली की स्थिति दयनीय पाए जाने पर तीनों एडीएम से कहा कि तत्काल समीक्षा कर लें। कम वसूली वाले ईओ को चेतावनी निर्गत करें।
मऊ में सीजनल अमीनों की वसूली की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया। बकाया सीएमआर की वसूली की समीक्षा के दौरान संभागीय खाद्य नियंत्रक ने बताया कि आजमगढ़ में वर्ष 2006-07 से 2012-13 तक कुल 1633.70 लाख, मऊ में 2011-12 एवं 2012-13 के कुल 1499.43 लाख तथा बलिया में 2011-12 एवं 2012-13 के कुल 3754.59 लाख का सीएमआर अब भी बकाया है। आरसी के माध्यम से इसकी वसूली की प्रगति भी खराब है। उन्होंने आरएफसी को निर्देश दिया कि इतनी बड़ी धनराशि के गबन में जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी संलिप्त हैं उनके विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही के लिए शासन से अनुमति प्राप्त करें। बड़ी संख्या में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण पाए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की। आजमगढ़ में 33 हेक्टेयर, मऊ में 27 हेक्टेअर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई जा चुकी है, लेकिन यह स्थिति किसी भी दशा में संतोषजनक नहीं है। अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, आजमगढ़, मऊ एवं बलिया के अपर जिलाधिकारी क्रमश: जीपी गुप्ता, केहरी सिंह एवं राम आसरे, सचिव आजमगढ़ विकास प्राधिकारी बैजनाथ, मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर, संभागीय खाद्य नियंत्रक राजेश कुमार, उप आबकारी आयुक्त एसपी चौधरी उपस्थित थे।
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