जिला अस्पताल में मरीज की जांच करते चिकित्सक। - फोटो :
आजमगढ़। जनपद को अतिसंवेदनशील घोषित करने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम सोमवार को मुबारकपुर सीएचसी पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर कस्बे के सभी लोगों की स्क्रीनिंग करने का निर्णय लिया गया। स्क्रीनिंग के लिए 64 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें कस्बा और तीन किमी के दायरे में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही सैनिटाइजेशन का कार्य करेंगी। इसमें पालिकाकर्मियों के साथ ही अध्यापकों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जमात में शामिल लोगों में संक्रमण के लिहाज से प्रदेश में 17 जिले चुनौती वाले हैं। इसमें पूर्वांचल के मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ शामिल हैं। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सोमवार को डब्ल्यूएचओ के दो प्रतिनिधि मुबारकपुर सीएचसी पर पहुंचे। इस दौरान सीएचसी प्रभारी समेत अन्य कार्मिकों के साथ ही सठियांव पीएचसी प्रभारी को भी आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी गई। पूरे कस्बे और आसपास के तीन किमी के दायरे में आने वाले गांवों का सर्वे, लोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही सैनिटाइजेशन का कार्य किया जाएगा। कस्बे को पहले ही सील किया जा चुका है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मुबारकपुर कस्बे की जनसंख्या एक लाख के आसपास थी। अब ये काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही तीन किमी के दायरे के गांव भी हैं। सभी लोगों की स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के लिए 64 टीमें बनाई गई हैं। सर्दी, जुकाम, खांसी से ग्रसित लोगों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। सीएचसी प्रभारी डॉ. सी. यादव ने बताया कि सर्वे के लिए स्थानीय चिकित्सकों सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आसपास के कुछ अध्यापकों के साथ ही पालिका की टीम का सहयोग लिया जाएगा। तीन दिनों के भीतर ये कार्य पूरा कराया जाना है। स्थानीय तौर पर मैन पावर की काफी कमी है। इस कार्य को पूर्ण कराने में 120 कर्मचारियों जरूरत है। जिला प्रशासन से वार्ता कर मैनपावर को पूरा करने का भी प्रयास किया जा रहा है। अब तक कस्बे में कुल 450 लोगों की नार्मल जांच की जा चुकी है। इसमें कुल 41 लोगों की सैंपलिंग कराई गई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें