आज़मी संवाददाता
आजमगढ़ मेहनगर ग्राम इनवल मैं आज दिनांक माता सहोदरा बुद्ध विहार इनवल मैं सावित्रीबाई फुले की विचारधाराओं को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम के आयोजन करता श्री मुन्नर बौद्ध निगम जी के द्वारा किया गया आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में सावित्रीबाई फुले के विचार धाराओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों ने कहा कि 19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सतीप्रथा, बाल या विधवा-विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका को जानते हैं? ये थीं महाराष्ट्र में जन्मीं सावित्री बाई फुले जिन्होंने अपने पति दलित चिंतक समाज सुधारक ज्योति राव फुले से पढ़कर सामाजिक चेतना फैलाई. उन्होंने अंधविश्वास और रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़ने के लिए लंबा संघर्ष किया. आइए जानें सावित्री बाई फुले के जीवन के बारे में कि किस तरह उन्होंने अपने संघर्ष से मंजिल पाई. बताते हैं कि ये वो दौर था कि सावित्रीबाई फुले स्कूल जाती थीं, तो लोग पत्थर मारते थे. उन पर गंदगी फेंक देते थे. सावित्रीबाई ने उस दौर में लड़कियों के लिए स्कूल खोला जब बालिकाओं को पढ़ाना-लिखाना सही नहीं माना जाता था. सावित्रीबाई फुले एक कवियत्री भी थीं. उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था. बताते हैं कि ये वो दौर था कि सावित्रीबाई फुले स्कूल जाती थीं, तो लोग पत्थर मारते थे. उन पर गंदगी फेंक देते थे. सावित्रीबाई ने उस दौर में लड़कियों के लिए स्कूल खोला जब बालिकाओं को पढ़ाना-लिखाना सही नहीं माना जाता था. सावित्रीबाई फुले एक कवियत्री भी थीं. उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता है
इस मौके पर नरई राम, संतोष कुमार बौद्ध, सुरेमन बौद्ध बैजनाथ बौरा, प्रकाश चंद्र बौद्ध, डॉक्टर हिंद राज बौद्ध , डॉक्टर सुभावती बौद्ध , वीरेंद्र मौर्य , रामसमुझ गुप्ता , आदि लोग मौजूद रहे
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