यह आदेश स्पेशल कोर्ट के जज डॉ बालमुकुंद ने विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार सिंह गोपाल को सुनकर दिया है। घटना चार फरवरी 1995 की जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन की है। प्लेटफार्म पर बैठने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था।
जीआरपी पुलिस की कार्यवाही से मामला उग्र हो गया था। आरोप है कि तत्कालीन विधायक उमाकांत यादव और सहअभियुक्तों की ओर से गोलीबारी की गई थी, जिसमें सिपाही अजय कुमार की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। पूर्व सांसद की ओर से जमानत अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया कि इस प्रकरण में वह पूर्व में जमानत पर हैं। उन्होंने जानबूझ कर कोई गलती नहीं की है। लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध किया है। कोर्ट ने जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि अभियुक्त ने जमानत का दुरुपयोग किया है।
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