आजमगढ़। महान यायावर महापंडित राहुल संाकृत्यायन की जंयती बृहस्पतिवार को सादगी के सात मनाई गई। डीएम एनपी सिंह ने कलेक्ट्रेट स्थित प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। नागिरक मंच के पदाधिकारियों डा. रवीन्द्रनाथ राय, हवलदार यादव, राजेश सिंह, शोभनाथ यादव, इन्द्रजीत आदि लोगों ने भी माल्यापर्ण किया। सिधारी हाईडिल चैराहे पर प्रधान लालमणी राजभर आदि ने और राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी रैदोपुर स्थित प्रतिमा पर प्रधानाचार्या मीनू राय, अम्बिका पटेल, धर्मेन्द्र यादव, रणधीर आदि ने मल्यापर्ण किया।
नागारिक मंच ने कहा कि भागो नहीं दुनिया को बदलो, जैसा क्रांतिकारी नारा देने वाले दुनिया के सबसे बड़े घुमक्कड़ नेता के रूप में महापंडित राहुल संस्कृत्यायन का नाम पूरे विश्व में मशहूर है। वह एक बहुत बड़े दार्शनिक पुरातत्ववेत्ता, साहित्यकार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा किसान नेता थे। उनके व्यक्तित्व को शब्दों की परिधि में बंध पाना बहुत दुरूह कार्य है। सैकड़ो पुस्तकों के लेखक महापंडित राहुल संस्कृत्यायन की विश्व प्रसिद्ध कहानी वोल्गा से गंगा, प्रसिद्ध उपान्यास भागो नहीं दुनिया को बदलो, तथा आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा और जीवनी नये भारत के नये नेता को सारी दुनिया में विभिन्न भाषाओं में पढ़ा है। वहीं, राहुल सांकृत्यायन के पैतृक गांव कनैला आदि में जयंती पर आयोजन नहीं किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनकी प्रतिमा और चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद पांडे और भारत रक्षा दल के नगर महामंत्री डॉ. राजीव पांडेय ने चौराहे पर माल्यार्पण किया।
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