आजमगढ़। चर्चित दूल्हा हत्याकांड में जनपद पुलिस फिसड्डी ही साबित हुई। चार-चार टीम और चार महीने का लंबा समय बीतने के बाद पुलिस हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी, वहीं हत्यारोपियों ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सरेंडर कर दिया।
देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मसीरपुर मोड़ पर मेंहनगर के सुजीत कुमार गुप्ता की चार फरवरी की रात आठ बजे गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। घटना के समय दूल्हा अपनी बरात लेकर देवगांव कोतवाली क्षेत्र के लालगंज बाजार जा रहा था। अभी वह मसीरपुर मोड़ पर ही पहुंचा था कि जाम में उसकी कार फंस गई। उसके साथ उसकी भाभी भी कार में थी। इसी दौरान दो बाइक सवार युवक आए और उसे गोली मारकर फरार हो गए। आनन-फानन में उसे सीएचसी टीकरगाढ़ लालगंज ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पिता की तहरीर पर मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया गया लेकिन चार माह की मेहनत के बाद भी पुलिस हत्यारापियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी, जबकि एडीजी जोन ने इसे पुलिस के लिए चैलेंज बताया था। वहीं एसपी त्रिवेणी सिंह ने चार टीम हत्यारोपियों के गिरफ्तारी के लिए गठित किया था। इस हत्याकांड में कई लोगों को उठा कर पूछताछ की गई लेकिन मुख्य आरोपी अमित सोनकर व मुलायम सोनकर पुत्रगण राजेंद्र सोनकर निवासी हनुमानगढ़ी कटघर लालगंज पुलिस के हत्थे नहंीं चढ़े। सोमवार को जिले में मुख्यमंत्री का आगमन था, इसी दौरान दोनों हत्यारोपियों ने एक के बाद एक कर सीजेएम कोर्ट में समर्पण कर दिया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि न्यायालय गेट पर पुलिस की टीम ही जांच में लगी हुई है। इसके बाद भी दोनों इनामिया बदमाश न्यायालय में पहुंच कर आत्मसमर्पण कर दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें